Delhi: में बम धमकी का अलर्ट: CRPF स्कूल और अदालतों को ई-मेल के जरिए चेतावनी मिली, सुरक्षा बढ़ाई गई

दिल्ली में मंगलवार की सुबह बड़ी सुरक्षा चेतावनी जारी की गई, जब दो CRPF-स्कूलों और तीन अलग-अलग अदालतों को ई-मेल के ज़रिए बम धमकी मिली। यह सूचना Times of India में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार आई, जिसे पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए तुरंत सुरक्षा बढ़ा दी है। (timesofindia.indiatimes.com)



धमकी का स्वरूप और स्रोत

  • धमकी ई-मेल में कहा गया कि इन स्थानों में विस्फोटक रखे गए हैं और यदि मांगें पूरी न हुईं, तो उन्हें सक्रिय किया जाएगा। पुलिस ने बताया कि यह ई-मेल कथित रूप से पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से भेजा गया था।  
  • प्राप्त ई-मेल के आधार पर, सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत उन CRPF स्कूलों और अदालतों का रवैया बदल दिया — और सतर्कता बढ़ा दी गई।  
  • धमकी मिलने के बाद, इन स्कूलों और अदालतों के परिसर की पूरी जांच की गई; लेकिन अभी तक कोई संदिग्ध या विस्फोटक सामग्री पाई नहीं गयी।  


सुरक्षा बढ़ाने की कार्रवाई


  • पुलिस ने बम निपटान दस्ता (bomb disposal squad), खोज-कुत्तों (sniffer dogs) और फायर ब्रिगेड को तुरंत तैनात किया।  
  • CRPF-स्कूलों ने छात्र, शिक्षक और स्टाफ को सुरक्षित स्थानों पर इकट्ठा किया और उन्हें तुरंत बाहर निकाला गया ताकि कोई खतरा न हो सके।  
  • साइबर पुलिस (Cyber Crime Unit) इस ई-मेल की उत्पत्ति की तह तक जाने की कोशिश कर रही है और ई-मेल के आईपी स्रोत को ट्रेस कर रही है।  
  • अर्जी-नकल करने और भविष्य में ऐसे धमकियों को रोकने के लिए अदालतों और स्कूलों में निगरानी बढ़ाने की योजना बन रही है।


पिछले पैटर्न: दिल्ली में पहले भी हुए भ्रामक धमकी कॉल

  • यह घटना अकेली नहीं है — पहले भी CRPF-स्कूलों और अन्य स्कूलों को बम धमकी ई-मेल मिले हैं, जिन्हें बाद में होआक्स (झूठी) करार दिया गया था।  
  • जुलाई 2025 में भी तीन स्कूल — दो CRPF स्कूल और एक Navy Children School — को ऐसी ही धमकी मिली थी। पुलिस ने जांच के बाद पाया कि कोई विस्फोटक नहीं था।  
  • ऐसे धमकी मामलों ने पिछले साल भी तेज़ी पकड़ी थी; 2024 में कई स्कूलों और अन्य संस्थानों को ई-मेल या कॉल के जरिए धमकियाँ मिली थीं, हालांकि उनमें से अधिकांश झूठी थीं।  


डर और सोशल इम्पैक्ट


  • इन धमकियों ने माता-पिता, छात्रों और स्कूल स्टाफ में गहरी चिंता पैदा कर दी है। सुरक्षा बलों की मौजूदगी और निरंतर जांच के बावजूद, “क्या यह सच में बम है?” – यह सवाल हर किसी के मन में है।
  • CRPF-स्कूलों के लिए यह खास चिंता का विषय है, क्योंकि उनका स्टाफ और छात्रबल सुरक्षा-संवेदनशील होते हैं — और धमकी की बात सुनकर हर कोई तनाव में आ गया है।
  • कोर्टों को लक्ष्य बनाना एक गंभीर मसला है क्योंकि अदालतें कानून-व्यवस्था का प्रतीक होती हैं। धमकी का अर्थ यह हो सकता है कि आतंकवादी तत्व न्यायिक प्रक्रियाओं को भी दवाब में लाना चाहते हैं।



कानूनी और सुरक्षा समीक्षा


  • दिल्ली सरकार और पुलिस प्रशासन को इस धमकी को एक नियम-नीति समीक्षा का कारण बनाना चाहिए, ताकि भविष्य में स्कूल, अदालत और अन्य संवेदनशील संस्थानों को सुरक्षित रखा जा सके।
  • साइबर यूनिट को ई-मेल ट्रेसिंग, डिजिटल फोरेंसिक्स और धमकी भेजने वालों की पहचान करने में और अधिक संसाधन मिलना चाहिए।
  • स्कूलों के लिए SOP (मानक संचालन प्रक्रिया) को और सख्त बनाने की जरूरत है — इससे पहले कि धमकी झूठी निकलने के बाद भी असर रह जाए।
  • अदालतों में भी सुरक्षा तंत्र को दुरुस्त करने की आवश्यकता है — ज्यादा बैरियर, रैंडम चेक और बम डिस्पोजल टीम की तैयारियों को लगातार बढ़ाना होगा।


निष्कर्ष

दिल्ली में CRPF स्कूलों और अदालतों को भेजी गई बम धमकी न सिर्फ सुरक्षा को उजागर करती है बल्कि यह एक बड़े खतरे का संकेत भी है। चाहे यह जैश-ए-मोहम्मद की ओर से हो या किसी और की साजिश, इसका सीधा असर सरकारी संस्थानों, स्कूलों और आम जनता पर पड़ता है।


पुलिस, साइबर डिविजन और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर धमकी की गंभीरता से जाँच हो, और झूठी चेतावनियों को सामान्य घटनाओं में न बदला जाए। साथ ही, स्कूल-प्रशासन और न्यायपालिका को भी सुरक्षा नीतियों को मजबूत करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए तैयार रहा जा सके।