Jammu-Kashmir के Nowgam पुलिस स्टेशन में जब्त विस्फोटकों का भयंकर धमाका: एक बड़ी घटना

पिछली रात जम्मू-कश्मीर (J&K) में Nowgam पुलिस स्टेशन के परिसर में एक तीव्र दुर्घटनाग्रस्त धमाके (accidental blast) की घटना हुई, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं और इस घटना ने सुरक्षा एजेंसाओं के रौमेंटेड इतिहास को एक बार फिर सवालों के घेरे में ला दिया है। यह विस्फोट वही विस्फोटक सामग्री थी, जिसे हाल ही में फरीदाबाद (हरियाणा) से ज़ब्त किया गया था।


इस लेख में हम इस घटना की पूरी तस्वीर, उसके असर और आगे की कार्रवाई पर करीब-करीब सभी बिंदुओं को सामने रखेंगे।



धमाका कहाँ और कैसे हुआ?

  • घोषणाओं के मुताबिक, यह धमाका सत्रह नवम्बर 2025 की रात Nowgam पुलिस स्टेशन में हुआ।  
  • यह विस्फोट उस समय हुआ जब पुलिस और फॉरेंसिक टीम एकत्रित विस्फोटक सामग्री की “सैंपलिंग” (नमूनाकरण) कर रही थी, ताकि इसे जांच के लिए आगे भेजा जा सके।  
  • धमाका एकदम अचानक हुआ और उसके बाद कई छोटे-छोटे अनियमित धमाके भी सुनने को मिले, जिससे बचाव कार्य में देरी हुई।


विस्फोटक क्या था?

  • यह विस्फोटक फरीदाबाद, हरियाणा से लाया गया था।  
  • बताया जा रहा है कि ये अमोनियम नाइट्रेट आधारित रसायन थे, जिसे बम बनाने की सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।  
  • यह विस्फोटक उस वृहद आतंकवादी मॉड्यूल का हिस्सा है, जिसे “white-collar terror module” कहा जा रहा है और जिसका लिंक Jaish-e-Mohammed और Ansar Ghazwat-ul-Hind जैसे संगठनों से जोड़ा जा रहा है।  
  • प्रारंभ में पुलिस ने लगभग 360 किलोग्राम रसायन जब्त किए थे — जिनमें अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट, सल्फर और अन्य केमिकल शामिल थे।  
  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जाँच के दौरान मिले व्यापक विस्फोटक स्टॉक का आंकलन भी करीब 2,900 किलोग्राम रहा, जिसे फरीदाबाद में पकड़ा गया था।  


धमाके का परिणाम

  • इस दुर्घटना में कम-से-कम 4 लोग मारे गए और लगभग 27 लोग घायल हुए हैं।  
  • घायलों में अधिकांश पुलिसकर्मी और फॉरेंसिक अधिकारी हैं। कुछ को गंभीर चोटें आई हैं, जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है।  
  • धमाके ने पुलिस स्टेशन की इमारत को भी नुकसान पहुँचाया — खिड़कियाँ टूट गईं, संरचना को असर पड़ा और रात के सन्नाटे में घटनास्थल पर एंबुलेंस व अन्य वाहनों की आवाज गूंज उठी।  
  • इसके बाद लगातार छोटे धमाके भी हुए, जिसकी वजह से बचाव-बचाव का काम मुश्किल हो गया और बम निपटान दस्ते (bomb disposal squad) को तुरंत पहुँचने में रुकावटें आईं।


यह मामला कैसे सामने आया ?

  • यह पूरा मामला Nowgam पुलिस स्टेशन में उस थाने के मुख्य केस से जुड़ा है, जहां फरीदाबाद मॉड्यूल की जाँच हो रही थी।  
  • पुलिस ने बताया कि इस मॉड्यूल का पता Nowgam में लगाए गए धमकीपोस्टर्स के कारण चला। उन पोस्टरों में सुरक्षा बलों और पुलिस को धमकी देने की बातें लिखी गई थीं।  
  • इसके बाद पुलिस ने CCTV फुटेज की फ्रेम-बाय-फ्रेम अनालिसिस की, और कुछ संदिग्धों की पहचान की — उनमें से कुछ पर पहले पत्थर फेंकने (stone pelting) के बयानों के केसेस थे।  
  • उन संदिग्धों की पूछताछ में पुलिस को और महत्वपूर्ण सुराग मिला, और यह सुराग उन्हें ड्रग-मेडिकल कम्युनिटी की ओर ले गया — खासकर डॉक्टरों तक।  
  • विशेष रूप से, Al Falah यूनिवर्सिटी (फरीदाबाद) में दो डॉक्टर — Dr Muzammil Ahmad Ganaie और Dr Shaheen Sayeed — को गिरफ्तार किया गया था।  
  • पुलिस का मानना है कि मॉड्यूल का “कोर” हिस्सा डॉक्टरों का समूह है: Dr Muzammil, Dr Umar Nabi और Dr Muzzaffar Rather। इसके अलावा Dr Adeel Rather नाम का एक अन्य चिकित्सक भी है, जिसमें संदिग्ध गहराइयाँ हैं।


दिल्ली धमाके का कनेक्शन

  • इस घटना का एक और गंभीर पहलू यह है कि इस विस्फोटक मॉड्यूल का दिल्ली में हुए कार धमाके (Red Fort के पास) से लिंक हो सकता है।  
  • मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस जाँच में यह कहा गया है कि जिस कार में धमाका हुआ था, उसमें अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक रसायन थे — और कुछ स्रोतों के मुताबिक वे उसी मॉड्यूल से संबंधित सामग्री हो सकती है जिसे फरीदाबाद से जब्त किया गया था।  
  • ऐसे में यह घटना सिर्फ “पुलिस स्टेशन में दुर्घटना” नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गहरे चिंताजनक संकेत भी देती है।



जांच और आगे की कार्रवाई

  • धमाके के तुरंत बाद जांच का आदेश जारी किया गया है — यह पता लगाने के लिए कि क्या सुरक्षा नियमों का उल्लंघन हुआ था या विस्फोट कोई पूर्व-निर्धारित साजिश थी।  
  • फॉरेंसिक और बम-विस्फोट निपटान (bomb disposal) टीम को मौके पर बुलाया गया है और साथ ही धमाके के कारणों की जांच करने के लिए स्पेशल टीम गठित की गई है।  
  • पुलिस ने पारिवारिक आश्रितों को मुआवजे का आश्वासन दिया है, और घायल कर्मियों के लिए चिकित्सा सहायता बढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है।  
  • साथ ही सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की भी बात कही जा रही है — खासकर जब इतने संवेदनशील और खतरनाक विस्फोटक सामग्री को पुलिस स्टेशन जैसे स्थान पर सुरक्षित तरीके से संग्रहीत और जाँचा जाना हो।  
  • इस पूरे मामले को ध्यान में रखते हुए, सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है और संदिग्ध मॉड्यूल की जाँच को और तेज़ किया जा रहा है।



निष्कर्ष और महत्वपूर्ण पहलू

यह धमाका न सिर्फ पुलिस स्टेशन की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह एक बड़े आतंकवाद-जाल की गंभीरता को भी उजागर करता है। फरीदाबाद से जब्त की गई रसायनिक सामग्री और उसकी जाँच के दौरान यह घातक दुर्घटना हो जाना यह संदेश देता है कि विस्फोटक सामग्री के हैंडलिंग और भंडारण में और अधिक कड़े सुरक्षा मानकों की ज़रूरत है।


यह मामला यह भी दिखाता है कि “सफेद कॉलर आतंकवाद” (white-collar terror) अब सिर्फ एक कथित खतरा नहीं है, बल्कि वास्तविक और जानलेवा स्तर पर पहुंच चुका है — जहाँ डॉक्टर जैसे पेशेवरों का आतंकवादी नेटवर्क में शामिल होना एक गंभीर समस्या है।


जांच की गहराई और निष्कर्ष भविष्य में तय करेंगे कि यह सिर्फ एक दुर्घटना थी या फिर किसी बड़े आतंकवादी साजिश का हिस्सा। फिलहाल, जो सबसे अहम है, वह है निडरता के साथ जाँच करना और जिम्मेदारी तय करना — ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाएं दुबारा न हों।