Indore में SIR-2026 स्कैम मतदाता सूची अपडेट के नाम पर OTP धोखाधड़ी — पुलिस ने जारी किया अलर्ट

इंदौर — मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR 2026 के बीच एक नए प्रकार के साइबर फ्रॉड का खुलासा हुआ है। ठगों ने ऑनलाइन “वेरिफिकेशन” का झांसा देकर लोगों से OTP मांगना शुरू कर दिया है, ताकि बैंक खाते से पैसों की चोरी की जा सके। इस मामले पर इंदौर क्राइम ब्रांच ने सार्वजनिक चेतावनी जारी की है कि मतदाता सूची अपडेट/वेरिफिकेशन के दौरान किसी को भी OTP न दें; यदि कोई मांगता है, तो समझ लें कि वह स्कैम हो सकता है। 


एडवाइजरी में कहा गया है कि SIR के तहत वोटर सूची सुधार या सत्यापन के लिए किसी प्रकार की ऑनलाइन OTP वेरिफिकेशन या ऐप इंस्टॉलेशन की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए ऐसी मांग मिले तो तत्काल नज़रअंदाज़ करें। 



मामला क्या है — कैसे हो रही धोखाधड़ी


  • SIR 2026 के तहत कई राज्यों में मतदाता सूची (voter list) अपडेट की प्रक्रिया चल रही है। इस प्रक्रिया के दौरान असली अधिकारी — यानी बूथ-लेवल ऑफिसर (BLO) — घर-घर जाकर फॉर्म भरते हैं। इसमें मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी नोट की जाती है, लेकिन इसे पूरा करने में किसी OTP या ऐप की ज़रूरत नहीं होती।  
  • लेकिन साइबर ठगों ने इस प्रक्रिया का नाम लेकर, कॉल या व्हाट्सऐप मैसेज भेज कर लोगों को डराया कि “आपकी वोटर-सूची अद्यतन नहीं हुई है, OTP भेजा गया है — तुरंत भेजिए”। यदि कोई OTP भेज देता है, तो ठग बैंकिंग ऐप्स या UPI वॉलेट तक पहुँच बनाकर खाते से पैसे निकाल लेते हैं।  
  • कभी-कभी फर्जी लिंक या “SIR.apk” नामक मोबाइल ऐप डाउनलोड करने को कहा जाता है — जिसे इंस्टॉल करते ही मोबाइल में मैलवेयर पहुँच जाती है। इससे बैंक-डाटा, निजी फोटो, संपर्क सूची आदि चोरी हो सकते हैं।  


इस तरह, वोटर-लिस्ट अपडेट जैसा संवेदनशील नागरिक प्रक्रिया, साइबर अपराधियों के लिए जाल बन गया है।


इंदौर पुलिस की कार्रवाई और जारी एडवाइजरी


  • एडवाइजरी जारी: इंदौर क्राइम ब्रांच के एडीशनल डीसीपी (क्राइम) Rajesh Dandotiya ने चेताया है कि मतदाता सूची (SIR) में किसी प्रकार के OTP, ऐप डाउनलोड या बैंक-डिटेल्स की मांग कभी नहीं होगी।  
  • टोल-फ्री नंबर उपलब्ध: यदि किसी को संदेह हो, या कोई कॉल/मैसेज आए, तो वे राज्य/राष्ट्रीय हेल्पलाइन अथवा अधिकारी से 1950 या स्थानीय पुलिस से संपर्क कर सकते हैं।  
  • सावधानी की सलाह:
    • किसी भी अनजाने कॉल/मैसेज/लिंक पर क्लिक या OTP शेयर न करें।  
    • यदि “SIR फॉर्म” नामक कोई ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाए — तो उसे इंस्टॉल न करें।  
    • बैंक-से जुड़े किसी भी संदेश/OTP/डिमांड पर तुर्कर प्रतिक्रिया न दें; बैंक या पुलिस से सत्यापन करें।  


यह स्कैम क्यों हो रहा है — साइबर अपराधियों की रणनीति


विश्लेषकों के अनुसार, यह धोखाधड़ी इसलिए काम कर रही है क्योंकि


  1. लोकलुभावन दावे — वोटर-लिस्ट अपडेट, चुनाव प्रक्रिया वामंत्रित हैं; लोग इसे विश्वसनीय समझते हैं।
  2. डिजिटल-भ्रम और जागरूकता-की कमी — अधिकतर लोग नहीं जानते कि SIR प्रक्रिया में OTP या ऐप की जरूरत नहीं होती।
  3. तेजी से बदलता साइबर माहौल — मैलवेयर, मैसेज-फिशिंग, बैंकिंग-फ्रॉड जैसे तरीकों से कम समय में बड़ा नुकसान हो सकता है; झटपट लॉगिन/बैंकिंग करने वालों के लिए खतरा तेज है।
  4. जनसंख्या व मोबाइल-उपयोग की वृद्धि — हर घर, हर व्यक्ति से संपर्क संभव है; इसलिए स्कैम फैलाना आसान हो गया है।


यह सिर्फ एक तकनीकी घटना नहीं — सामाजिक, नागरिक और चुनावी प्रक्रिया के भरोसे से जुड़ी समस्या है।

विशेषज्ञों की चेतावनी और सुझाव


  • साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ कहते हैं कि वोटर-लिस्ट अपडेट या सरकारी वेरिफिकेशन में OTP वेरिफिकेशन नहीं होती — इसलिए यदि ऐसा कोई अनुरोध आए, तो तुरंत धोखाधड़ी मानें।  
  • बैंक-उपयोगकर्ताओं को सलाह है कि वे अपनी बैंकिंग ऐप्स, UPI, नेट-बैंकिंग आदि में दो-तरफ़ा प्रमाणीकरण, मजबूत पासवर्ड और नियमित मॉनिटरिंग रखें — ताकि OTP या बैंक-डिटेल लीक होने पर तुरंत नज़र बंद हो सके।
  • युवाओं, ग्रामीणों, बुज़ुर्गों — सभी को “ओटीपी न दें, लिंक न खोलें, जानकारी सिर्फ आधिकारिक चैनल से चेक करें” जैसा पाठ पढ़ाना चाहिए। स्कूल-कॉलेज, सामाजिक मंचों द्वारा जागरूकता अभियान जरूरी है।


मतदान-प्रक्रिया, लोकतंत्र व नागरिक सुरक्षा — बड़ा सवाल


यह स्कैम सिर्फ एक धोखाधड़ी नहीं है — यह लोकतंत्र, चुनावी प्रक्रिया और नागरिकों के सामूहिक विश्वास पर सीधा हमला है। यदि मतदाता सूची अपडेट के नाम पर लोगों के बैंक खाते खाली हो सकते हैं, तो चुनावों की विश्वसनीयता प्रभावित हो सकती है।


  • फर्जी नाम, दोहरे नाम, भूतपूर्व वोटर — ये पहले ही SIR प्रक्रिया का उद्देश्य थे। पर अब धोखाधड़ी ने इस प्रक्रिया को काटने की कोशिश की है।  
  • यदि मतदान से पहले ऐसा माहौल बना रहे, तो चुनाव आयोग, राज्य सरकार व पुलिस को सिर्फ सूची-पुनरीक्षण ही नहीं — सुरक्षा, जागरूकता, तकनीकी तैयारी भी करनी होगी।


आम नागरिकों के लिए चेतावनी — सतर्क रहिए, सुरक्षित रहिए


अगर आपकी कोई कॉल/मैसेज आई है जिसमें


  • “SIR वेरिफिकेशन” का हवाला है,
  • OTP मांग रही है,
  • वोटर-लिस्ट अपडेट के नाम पर link या ऐप भेजा गया है,
    तो उसे तुरंत नज़रअंदाज़ करें — और अपने मोबाइल व बैंकिंग अकाउंट की सुरक्षा सुनिश्चित करें।


और यदि किसी को संदेह हो, तो नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें — आपने सिर्फ अपनी खुद की नहीं, दूसरों की भी सुरक्षा की दिशा में कदम उठाया होगा।



निष्कर्ष

इंदौर से आई यह खबर — वोटर-लिस्ट अपडेट के नाम पर OTP बैंक-खाता फ्रॉड — एक जागरूकता की जरूरत है। SIR 2026 जैसी प्रक्रियाएं लोकतंत्र व नागरिक अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण हैं; लेकिन जब अपराधी उन्हें हथियार बना लें, तो हमें सतर्क रहना होगा।


इसलिए — वोटर-कार्ड बनवाना, मतदाता सूची अपडेट करना, भाग लेना लोकतंत्र का हिस्सा है; पर भूलिए मत — सावधानी, समझदारी और जानकारी को मत देना भूलिएगा।