हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश बीजेपी (MP BJP) ने सिर्फ प्रचार नहीं किया, बल्कि मानो क्रिकेट के टी‑20 फ़ॉर्मेट जैसा आक्रमक और रणनीतिक अभियान चलाया — और नतीजे भी उसी अंदाज में आए। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री मोहन यादव और वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में MP की टीम ने बिहार में ज़बरदस्त स्ट्राइक रेट दिखाया।
1. बिहार चुनाव में टी‑20 की तुक: MP की टीम ने जमाया दबदबा
- NDTV ने इस चुनावी अभियान को “क्रिकेट स्टेडियम जैसा मुकाबला” बताते हुए बताया है कि MP बीजेपी ने बिहार को पांच ज़ोन में बांटकर रणनीति बनाई।
- कुल मिलाकर लगभग 75 MP नेता चुनाव प्रचार में शामिल हुए — जिसने एक प्रोफेशनल क्रिकेट फ्रैंचाइज़ी के जैसा माहौल पैदा किया।
2. मोहन यादव — ओपनर बल्लेबाज की तरह चमके
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बिहार की 25 सीटों की ज़िम्मेदारी दी गई थी।
- NDTV के मुताबिक, इन 25 में से 21 सीटों पर उनकी बाज़ी लगी — यानी उनकी जीत दर लगभग 84% रही।
- यह स्ट्राइक‑रेट बेहद ऊँची है और यह दर्शाता है कि उनकी प्रचार शैली और रणनीति बिहार में बहुत असरदार रही।
3. शिवराज सिंह चौहान — “100% स्ट्राइक” के फिनिशर
- पार्टी ने चौहान को 7 विधानसभा सीटों की ज़िम्मेदारी दी थी।
- रिपोर्ट के अनुसार, उन सभी 7 सीटों पर एनडीए की जीत दर्ज की गई, यानी चौहान ने 100% स्ट्राइक रेट दिया।
- यह नतीजा इस बात का सबूत भी है कि चौहान की लोकप्रियता और उनका “वेटेड पारी” (समझ-बूझ के साथ प्रचार) बहुत सफल रहा।
4. अन्य MP स्टार प्रचारक — मिश्रा और सारंग ने भी किया कमाल
- डॉ. नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग को प्रचार के लिए महत्वपूर्ण सीटें सौंपी गईं।
- इनके ज़िम्मेदारी वाले हिस्सों में एनडीए को जीत मिली, जिससे ये दोनों “फिनिशर्स” की भूमिका में दिखे — जैसे मैच के आख़िरी ओवर्स में आकर स्कोर बढ़ाने वाले बल्लेबाज।
- वी. डी. शर्मा को भी 19 सीटों का प्रचार-ज़िम्मा मिला था और उन्होंने लगभग 17 सीटों पर जीत दिलाई — लगभग 89.5% की स्ट्राइक दर।
5. रणनीति, संगठन और “क्रिकेट” के अंदाज़ में प्रचार
- MP बीजेपी ने चुनाव को सिर्फ प्रचार का मोर्चा नहीं माना, बल्कि मैच प्लानिंग करके मैदान (बिहार) में उतरी — जैसे किसी आईपीएल फ्रैंचाइज़ी।
- ज़ोन-वार कैंपेन, बूथ‑स्तर की रणनीति, और हर सीट की “पिच” (जितनी वोटिंग की संभावना, जाति समीकरण आदि) को समझकर प्रचार किया गया।
- ऐसा आयोजन दिखाता है कि बीजेपी केंद्र और MP इकाई ने बिहार चुनाव को सिर्फ “स्थानीय” चुनाव नहीं, बल्कि रणनीतिक हार्दिक मुकाबला माना।
6. MP के लिए यह जीत क्यों मायने रखती है?
- MP के लिए यह सिर्फ बिहार जीत नहीं है — यह उनकी ओबीसी रणनीति की सफलता का झंडा भी है। NDTV के मुताबिक, मोहन यादव की छवि सिर्फ MP में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली “स्टार प्रचारक” बन चुकी है।
- मोहन यादव के प्रचार ने यह संदेश दिया कि BJP की ओबीसी नीतियाँ सिर्फ स्थानीय शासन तक सीमित नहीं हैं; वे बड़ी राजनैतिक रणनीति का हिस्सा हैं।
- साथ ही, शिवराज सिंह चौहान जैसा अनुभवी नेता जब प्रचार करता है और हर ज़िम्मेदारी पर जीत देता है, तो उसकी अनुभव और भरोसेमंद छवि भी पार्टी के लिए मूल्यवान साबित होती है।
निष्कर्ष
बिहार चुनाव 2025 में MP बीजेपी की एंट्री किसी “साधारण प्रचार अभियान” से बहुत आगे थी। यह एक क्रिकेट‑मैच की तरह, जहां कप्तान (मोहन यादव) ने आक्रमक शुरुआत की, अनुभवी खिलाड़ी (चौहान) ने आख़री ओवर्स में पारी तय की, और अन्य खिलाड़ियों ने टीम को मजबूती दी।
इस प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि बीजेपी सिर्फ वोट जुटाने नहीं गई थी — उसने रणनीति, संगठन और ऑन-ग्राउंड मैनेजमेंट की शक्ति का इस्तेमाल करके बिहार को एक जीत का मैदान बना दिया। इस जीत का असर सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह MP में पार्टी की ओबीसी पॉलिसी और नेतृत्व छवि को और मजबूत करेगा।
