बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगी महागठबंधन को एक बड़ा झटका दिया है। Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने उन 61 सीटों में से सिर्फ 6 सीटों पर जीत दर्ज की, जो उसने लड़ने का फैसला किया था। यह उसके लिए अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन माना जा रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस परिणाम को “चौंकाने वाला” बताया है और आरोप लगाया है कि चुनाव शुरुआत से ही निष्पक्ष नहीं था।
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| Image Source - The Times Of India |
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया: लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की जंग
राहुल गांधी ने अपने पहले बयान में कहा कि वह बिहार के लाखों मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहते हैं, जिन्होंने महागठबंधन पर भरोसा दिखाया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनका संघर्ष केवल चुनाव हारने का नहीं है — यह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई है।
उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर लिखा:
राहुल ने यह भी आरोप लगाया है कि चुनाव “शुरुआत से ही निष्पक्ष नहीं था।”
कांग्रेस का नतीजा: सिर्फ 6 सीटें
- कांग्रेस ने कुल 61 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल 6 सीटों पर ही जीत हासिल की।
- NDTV के विश्लेषण में कहा गया है कि यह बिहार में कांग्रेस का सबसे “तबाह करने वाला” प्रदर्शन है।
- उन 6 सीटों में, कांग्रेस को किशनगंज, मनिहारी, फोर्सेसगंज, वल्मीकी नगर, चंपटिया, और अररिया क्षेत्र में जीत मिली।
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| Image Source - Indiatoday |
कांग्रेस का आत्ममंथन और आगे की रणनीति
राहुल गांधी ने नतीजों के बाद कांग्रेस और INDIA गठबंधन में “गहराई से समीक्षा” करने की बात कही है। उनका कहना है कि इस समीक्षा के बाद पार्टी और गठबंधन अपनी रणनीतियों को मजबूत करेंगे और लोकतंत्र की रक्षा के लिए और बेहतर कदम उठाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं को निराश न होने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि यह हार संगठन की कमजोरी को दर्शाती है, लेकिन पार्टी हार नहीं मानेगी।
नतीजों का राजनीतिक मतलब
- महागठबंधन को बड़ा झटका
बिहार में महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) को कांग्रेस की कमजोरी का सीधा असर झेलना पड़ा है। सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, उसके कई सहयोगी दलों को भी इस चुनाव में भारी नुक्सान हुआ है। - लोकतंत्र पर चिंता
राहुल गांधी का बयान यह संकेत देता है कि वह इस हार को सिर्फ चुनावीय हार के रूप में नहीं देख रहे हैं, बल्कि यह लोकतांत्रिक संस्थानों और नियमों पर एक हमला है। उन्होंने “संविधान की रक्षा” की बात कही है — यह दिखाता है कि कांग्रेस भविष्य में सिर्फ चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि तंत्रगत सुधार की दिशा में भी कदम उठाने की रणनीति बना रही है। - आत्मनिरीक्षण का दौर
कांग्रेस अब गहराई से विश्लेषण करेगी कि क्या उसकी रणनीति में कमी रही, या क्या उसके संदेश जनता तक पहुंचे ही नहीं। राहुल ने साफ़ कहा है कि वे “गहराई से समीक्षा” करेंगे। - भविष्य की लड़ाई
राहुल गांधी का बयान यह भी बताता है कि कांग्रेस इस नतीजे को स्वीकार कर रही है, लेकिन हार के बाद भी लड़ाई जारी रखने का इरादा रखती है। वह इसे लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई बना रही हैं — जिसे पार्टी की नई पहचान के रूप में पेश किया जा सकता है।
निष्कर्ष
बिहार चुनाव 2025 कांग्रेस के लिए एक बड़ा धक्का साबित हुआ है। सिर्फ 6 सीट जीतना और ‘इतिहास में सबसे खराब प्रदर्शन’ का टैग कांग्रेस की स्थिति की गहराई को दर्शाता है। राहुल गांधी ने नतीजे को न सिर्फ चुनावीय हार माना है, बल्कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई के रूप में पेश किया है।
अब देखना यह है कि यह आत्ममंथन कांग्रेस के लिए कितना सकारात्मक बदलाव लाता है और भविष्य में पार्टी और महागठबंधन अपनी रणनीति में क्या नया रूप अपनाते हैं।

