28–30 नवंबर 2025 के बीच, तमिलनाडु के तटीय क्षेत्र सहित चेन्नई में मौसम अचानक बिगड़ गया है। इस दौरान चक्रवात दित्वा के करीबी आने की आशंका के चलते India Meteorological Department (IMD) ने चेन्नई और आसपास के जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया। इस अलर्ट के चलते चेन्नई हवाई अड्डे से कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे यात्रियों व प्रशासन दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
मौसम-अपडेट:
- IMD की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, दित्वा तूफान श्रीलंका से होते हुए बंगाल की खाड़ी पार कर रहा है और उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। यह 30 नवंबर की सुबह तक तमिलनाडु-पुडुचेरी तट के बेहद करीब होगा।
- उस क्षेत्र में जिन जिलों को ऑरेंज या रेड अलर्ट जारी किया गया है, उनमें चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, कुड्डालोर, विलुप्पुरम, नागापट्टिनम आदि शामिल हैं। इन इलाकों में भारी से तो बहुत भारी वर्षा, तूफानी हवाओं (70–90 किमी/घंटा) और समुद्री लहरों की चेतावनी दी गई है।
- लगातार बढ़ती आउने-जाने वाली हवाओं और बूंदाबांदी के कारण, मौसम “चमकदार और खट्टी गर्म” से “दुर्भावपूर्ण, गीला और तूफानी” हो गया है — जिससे सामान्य जीवन, यातायात और समुद्री गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं।
उड़ानों में रद्दीकरण — कितनी उड़ानें प्रभावित?
- तात्कालिक सुरक्षा कारणों और रनवे व वायुयान परिचालन में खतरों के मद्देनज़र, चेन्नई हवाई अड्डे ने 47–54 उड़ानों को रद्द किया है। इनमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार की उड़ानें शामिल हैं।
- रद्द की गई उड़ानों में चेन्नई से मदुरै, त्रिची, थूथुकुडी, सलेम जैसे तमिलनाडु के शहरों के लिए घरेलू उड़ानें थी; साथ ही कोलंबो, जाफना जैसे अंतरराष्ट्रीय मार्गों के लिए उड़ानें भी शामिल थीं।
- एयरलाइंस और हवाई अड्डा प्रशासन ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे उड़ान से पहले अपनी टिकट स्थिति जरूर चेक करें। कई यात्रियों के लिए नया शेड्यूल या रिफंड विकल्प दिया जा रहा है।
प्रशासन और राहत-तैयारी — क्या कदम उठाए गए?
- तमिलनाडु सरकार ने तटीय जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिए हैं। साथ ही राज्य डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग ने आपातकालीन तैयारियाँ तेज कर दी हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से निर्देश दिया है कि बचाव-तैयारी, राहत शिविर, आपदा प्रबंध व संचार व्यवस्था सुनिश्चित करें।
- मछुआरों, नाविकों व तटीय इलाकों में रहने वालों को समुद्र में जाने से मना किया गया है। इसके अलावा लोगों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक घर से बाहर न निकलें, हाईवे या समुद्री किनारे की यात्रा न करें।
- सरकार ने राहत शिविरों, बचाव दल, बिजली एवं संचार कंपनियों, स्वास्थ्य सेवाओं आदि को सक्रिय कर दिया है — ताकि तूफान के दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
आम जीवन पर असर — जनता क्या देख रही है?
- बारिश और तेज हवा के कारण सड़क यातायात बाधित हुआ है, पानी भराव, जलजमाव, पेड़ टूटने और कई इलाकों में बिजली कटौती जैसी समस्याएँ सामने आई हैं।
- सार्वजनिक परिवहन, स्कूल-कालेजों, कार्यालयों और रोजमर्रा की गतिविधियों में अव्यवस्था हो रही है। कई स्कूलों को बंद रखने या छुट्टी देने की तैयारी है।
- यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं को फिर से देखने और एयर लाइंस से स्थिति की पुष्टि करने की सलाह दी गई है। अचानक उड़ानों का रद्द हो जाना, ट्रैवल एडजस्टमेंट की परेशानी और आर्थिक नुकसान की संभावना बनी है।
क्या किया जा सकता है — सलाह और सतर्कता
- यदि आपकी कोई उड़ान है — उड़ान के दिन तक बार-बार स्थिति चेक करें, एयरलाइंस द्वारा भेजे गए संदेश देखें और तय समय से पहले एयरपोर्ट पहुँचें।
- समुद्री किनारों से बचें, नदियों या तटीय क्षेत्रों में न जाएँ — तेज़ हवाओं और ऊँची लहरों के कारण डूबने व दुर्घटनाओं का खतरा है।
- घर से बाहर निकलने से बचें या सिर्फ जरूरी काम ही करें; इलेक्ट्रॉनिक सामान, तार-प्लग, पानी के जलभराव जैसी बातें ध्यान रखें।
- अगर स्थानीय प्रशासन राहत शिविर, सुरक्षित स्थान सुझाव दे रहा है — उनका पालन करें। बचाव दल और अधिकारियों की निर्देशों का पालन करना जरूरी है।
निष्कर्ष
चक्रवात दित्वा ने दक्षिण भारत, विशेष रूप से तमिलनाडु व चेन्नई को एक बार फिर मौसम की मार से निपटने पर मजबूर कर दिया है। ऑरेंज अलर्ट, कड़ी बारिश, तेज हवाएँ, उड़ानों में रद्दीकरण और जनजीवन में अव्यवस्था — सब मिलकर एक चुनौती बनकर सामने आये हैं।
लेकिन अगर सरकार, प्रशासन व आम नागरिक — सभी सतर्क, सहयोगी और जिम्मेदार बने — तो यह संकट भी पार किया जा सकता है। संतुलित तैयारी, जागरूकता और अनुशासन ही सुरक्षा की दिशा है।


